Sarso Ke Tel ka Bhav : सरसो के तेल की कीमत हुई बेहद कम | सिर्फ इतने में….
हाल ही में एक खबर आई है कि खाने में इस्तेमाल होने वाले तेलों की कीमत में काफी गिरावट आई है। सरसों तेल समेत कई तेलों की कीमत कम हो गई है। किसानों ने तेल की कम कीमत में बेचने से इनकार कर दिया है। एक तरफ जहां सरसों तेल, तिलहन तेल और सोयाबीन तेल की कीमतों में सुधार आया है, वहीं सूरजमुखी तेल की कीमतों में कमी से सोयाबीन तेल की कीमत में भी गिरावट आई है। मूंगफली तेल, तिलहन तेल, कच्चा पाम तेल, पामोलिन तेल और बिनौला तेल की कीमतों में ज्यादा बदलाव नहीं देखने को मिल रहा है।
Today Sarso Oil Discount
बाजार विश्लेषक के अनुसार, पिछले 3 महीनों में 9 जनवरी से मार्च तक, 8.68 लाख टन सूरजमुखी तेल आयात हुआ है। इस आयात की मात्रा इतनी अधिक है कि आगामी 6 महीनों की मांग को पूरा कर देगी। इससे आयात और भी बढ़ेगा और सूरजमुखी तेल का मूल्य इतिहास में पहली बार सीपीओ और पामोलिन से कम हो जाएगा। आयात बढ़ने से सोयाबीन की मांग में भी काफी प्रभाव पड़ेगा। सूरजमुखी तेल का थोक भाव बंदरगाह पर लगभग ₹78 प्रति लीटर हो जाता है।
सरसो के तेल का तजा भाव
अगर हम न्यूनतम मूल्य के हिसाब से देसी तिलहन का मूल्य जांचते हैं, तो यह लगभग ₹125 प्रति लीटर होता है। हालांकि, देसी तिलहन की बिक्री बाजार में मुश्किल लग रही है। देसी तिलहन से उत्पन्न होने वाले खल की सबसे बड़ी समस्या है, जिसके आयात में भी समस्या हो सकती है। क्योंकि विदेश में इसकी कम उपलब्धता है, इसलिए मांग को पूरा करना मुश्किल हो सकता है। पिछले साल सरसों की खल का भारी मात्रा में निर्य
Today Sarso Oil Price
तेल की कीमतों में आज कुछ फेरबदल देखने को मिला है। एक तरफ सरसों तेल, तिलहन तेल और सोयाबीन तेल में सुधार आया है, वहीं सूरजमुखी तेल की कमी से सोयाबीन तेल की कीमत में भी गिरावट आई है। इस खबर को आप Arjunpedia.com पर पढ़ सकते हैं। अगर आपके पास इस पोस्ट के बारे में कोई राय है तो कृपया कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें।